About Us

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हमारे संस्थापक ट्रस्टी इन. श्री अभय कुमार जैन कासलीवाल और श्री मती सुलोचना जैन हमेशा से ही श्रमण संस्कृति से जुड़े रहे हैं और उसे आधार बना कर अपने जीवन में आई हर मुश्किल का समाधान निकाला है| कैसे, उसको जानने के लिए आप भी देखें, Jeevan Sundar Sukhiहमारी व्यवस्थापक ट्रस्टी श्री मती अभीषा जैन, श्रमण संस्कृति के मूल्यों को अपने माता-पिता की बहुमूल्य सीख के रूप में ग्रहण करके बड़ी हुई हैं और जाने-अनजाने वह दूसरों से भी इसको साझा करती आई हैं| इन ही मूल्यों के प्रसार हेतु उन्होंने जिनवाणी संग्रह की सबसे पुरानी पुस्तक, पूजन-पाठ-प्रदीप को डिजिटाइस कर उसकी रोमन लिपि और ऑडिओ के साथ एक वेबसाईट www.jinvanisangrah.com बनाई| साथ ही, उन्होंने श्रमण मूल्यों को आधार बनाते हुए अपनी पहली पुस्तक “Rapes in India and a way out” को भी प्रकाशित किया| इन समाज सेवा के कार्यों को अग्रसर करने के लिए श्री अमित जैन, और श्री मती कमलेश जैन ने संस्थापक ट्रस्टी बनते हुए अगस्त 2017 में ट्रस्ट 2ए लोटस (भारत) की स्थापना में सहयोगी बने|

लोटस या कमल, जो सबसे पवित्र फूल माना गया क्योंकि वह कीचड़ में रह कर भी, उससे अछूता रहता है; कमल या पद्म के फूल का जैन और बौद्ध धर्म की लेखनियों में बहुत जगह उल्लेख मिलता है| 2‘ए’ से अमित और अभीषा का पुराना रिश्ता था; इसलिए ट्रस्ट का नाम 2ए लोटस रखा गया | इसका प्रेरणा स्रोत श्रमण मूल्यों के माध्यम से लोगों को भी जीवन की परेशानियों में कलुषित होने से बचाना है उनके सपनों की पंखुड़ियों को खिलाने का लक्ष्य बनाया गया| इस ट्रस्ट 2ए लोटस का लक्ष्य है - धर्म कमल से आत्म कमल तक| जहाँ महायान की छत्रछाया में ऐसे कार्यक्रम होते हैं जो आम लोगों के लिए सम्यक दर्शन और सम्यक ज्ञान का झरोखा बनाते हैं, जहाँ से लोग श्रमण संस्कृति को और जानने समझने के लिए ललाहित हो जाते हैं| जीवन मार्ग दर्शन के तहत लक्ष्य है लोगों से सीधा-सीधा जुड़ कर उनकी समस्याओं के निवारण के लिए, उनकी सोच में परिवर्तन करने के लिए, आमने-सामने बैठ कर, बातों के माध्यम से उपायों को प्रभाव में लाना| 

अभीषा जी, क्योंकि वह स्वयं एक लेखिका हैं, इसलिए उन्होंने 2ए लोटस प्रकाशन की स्थापना की| जिसका उद्देश्य है उभरते हुए लेखकों की किताब और प्रकाशित करके उनका प्रोत्साहन बढ़ाना| इससे ट्रस्ट की गतिविधियों को चलाए रखने के लिए, दान ना ले कर, धनोपार्जन भी हो जाता है और इस माध्यम से आम-जन में श्रमण संस्कृति के मूल्यों का प्रचार भी हो जाता है|


Our Founder Trustee Eng. Mr. Abhay Kumar Jain Kasliwal and Mrs. Sulochana Jain have always been associated with the Shraman culture and have solved every difficulty in their lives by making it as the base of their life. To know more about it ... Jeevan Sundar SukhiOur Managing Trustee Mrs. Abheesha Jain grew up imbibing the values of Shraman culture as valuable lessons from her parents. Knowingly or unknowingly, she has been sharing the same with others. To spread these values, she digitized, one of the oldest book of Jinvani Sangrah by the name of Poojan Paath Pradeep and created a website named www.jinvanisangrah.com with its Roman script and audios. Also, based on the values of doing SHRAM, she published her first book “Rapes in India and a way out” so as to find solutions of this massive problem. To make further contributions to these social causes, a Trust was conceptualised by Mr. Amit Jain and Mrs. Kamlesh Jain and 2Alotus (India) was established in August 2017.

Lotus or Kamal’, which is considered the most sacred flower as it remains untouched by mud even after living in it; Lotus or Padma flower is mentioned at many places in the writings of Jainism and Buddhism. Founder members Amit and Abheesha had an old relationship with ‘2A’. From there originated the name of the ‘2A Lotus’ – and the goal was made to save people from getting soiled in the troubles of life through Shramana values, and to colour the petals of their dreams. 2A Lotus aims at the journey from – ‘Dharma Kamal to Atma Kamal.’ Under the umbrella of Mahayaan, programs are held under the window of right(samyak) philosophy and right (samyak) knowledge for the common people, from where people become eager to know and understand the Shraman culture. Under Life Coaching, the goal is to directly connect with people to solve their problems, to bring permanent changes in their thinking process through one-on-one sessions and to bring measures into effect.

Ms. Abheesha, being an authoress herself, founded 2A Lotus Publications. The purpose of which is to encourage budding writers by assisting them publishing their works. Due to this, instead of taking donations, money is also earned to keep the activities of the trust going and the values of Shraman culture are also propagated among the common people.

हमारे संस्थापक ट्रस्टी / Our Founder Trustees

Address

Shop No. 14, First Floor, Green Valley Plaza, Sector- 41, Faridabad, Haryana-121003

Contacts

trust2alotus@gmail.com
2alotuspublications@gmail.com
lifecoachabheesha@gmail.com

+91  9818933122