यह वेबसाइट ‘जिनवाणी-संग्रह’ एक मूल कार्य है जिसका उद्देश्य सारे लोक-प्रिय जिनवाणी-संग्रहों को एकजुट कर, एकरूप बनाना है| हमारी वेबसाइट देवनागरी लिपि में संस्कृत, प्राकृत व हिंदी में सभी जिन-पूजा पुस्तकों में प्रकाशित सामग्री के मानक व शुद्ध पठन हेतु मानक उच्चारण युक्त ऑडियो रूप के साथ साथ, गैर हिंदी भाषी, विशेष कर विदेशों में जन्मे व बड़े हो रहे युवा वर्ग के लिए रोमन लिपि में रूपांतरण को ई-पुस्तक रूप में उपलब्ध कराने पर केंद्रित है, जो श्रद्धा सहित दुनिया भर के सभी वर्गों के जैन धर्माचारी-गणों के लिए सतत शंका विहीन पूजा-अर्चना का साधन हो सके। इस कार्य के प्रारम्भिक आधार-पुस्तक के रूप में सर्वत्र सुप्रचलित “पूजन-पाठ-प्रदीप” जिनवाणी-संग्रह को लिया है। वेबसाइट का मुख्य उद्देश्य, लक्ष्य व आशय दुनिया भर में रह रहे भावी पीढ़ी के श्रावकों के लिए पूजा साहित्य प्रस्तुत करना है जो सांस्कृतिक भिन्नता के कारण देवनागरी (हिन्दी) लिपि पढ़ने में असमर्थ हैं।
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